हिंदी शब्दसागर प्रथम भाग | Hindi Sabdasagar Bhag - 1

By: श्यामसुन्दर दास - Shyamsundar Das


दो शब्द :

हिंदी शब्दसागर एक महत्वपूर्ण हिंदी शब्दकोश है, जिसका संपादन और प्रकाशन भारत सरकार के शिक्षामंत्रालय की सहायता से किया गया है। इस शब्दकोश का उद्देश्य हिंदी भाषा में प्रयुक्त शब्दों का व्यापक संग्रह प्रस्तुत करना है, ताकि हिंदी साहित्य और संस्कृति को संरक्षित किया जा सके। शब्दों का महत्व किसी भी जाति के जीवन में अत्यधिक होता है, क्योंकि ये शब्द सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भों को व्यक्त करते हैं। हिंदी शब्दकोशों का विकास तब शुरू हुआ जब अंग्रेजों का भारत के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित हुआ। प्रारंभ में, अंग्रेजों ने हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के शब्दकोश बनाने का प्रयास किया। सबसे पहले हिंदी शब्दकोश का प्रकाशन 1826 में हुआ था, जिसके बाद कई महत्वपूर्ण कोश बनाए गए, जो हिंदी शब्दों के अर्थ अंग्रेजी में या अंग्रेजी शब्दों के अर्थ हिंदी में प्रस्तुत करते थे। बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में हिंदी का प्रचार बढ़ने लगा और लोगों में हिंदी साहित्य के प्रति रुचि भी बढ़ी। इस समय हिंदी शब्दों के लिए एक व्यापक कोश की आवश्यकता महसूस की गई। काशी नागरी प्रचारिणी सभा ने इस दिशा में काम शुरू किया और कई वर्षों तक सामग्री एकत्रित की। बाद में, सभा ने हिंदी में एक बड़ा कोश बनाने का निर्णय लिया और इसके लिए एक समिति का गठन किया, जिसमें कई विद्वानों को शामिल किया गया। इन सभी प्रयासों के परिणामस्वरूप, हिंदी शब्दसागर का निर्माण हुआ, जो हिंदी भाषा के समस्त शब्दों का समावेश करता है और यह सुनिश्चित करता है कि हिंदी साहित्य का संरक्षण और विकास हो सके। इस प्रकार, हिंदी शब्दसागर न केवल एक शब्दकोश है, बल्कि यह हिंदी भाषा और साहित्य की समृद्धि का प्रतीक भी है।


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