श्रीगणेश पुराण | Shri Ganesh Purana

- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ धार्मिक / Religious
- लेखक: पूर्णाचन्द्र कासलीवाल - Purnachandra Kaslival
- पृष्ठ : 160
- साइज: 7 MB
- वर्ष: 1937
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दो शब्द :
इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: यह पाठ श्री गणेशपुराण का भाषानुवाद है, जिसे एणचंद्र कासछीवाल ने सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत किया है। इसमें श्री गणेशजी की उपासना, उनकी महिमा और भक्तों के लिए उनके गुणों का वर्णन किया गया है। पुराण की रचना का उद्देश्य भगवान गणेश की उपासना को प्रोत्साहित करना और भक्तों के हृदय में भक्ति का संचार करना है। पाठ में वर्णित कथाएँ भक्तों को महान आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्रदान करने का माध्यम हैं। इस ग्रंथ में दो खंड हैं: उपासना खंड और क्रीड़ा खंड। अनुवादक ने पहले खंड के अध्यायों का संकलन किया है, जिसमें गणेशजी की स्तुति और उनके महत्व का वर्णन किया गया है। पाठ में विभिन्न कथाएँ, उपदेश और मंत्र शामिल हैं, जो भक्तों को मार्गदर्शन और प्रेरणा देते हैं। अनुवादक ने आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि यह अनुवाद हिंदी बोलने वालों के लिए प्रस्तुत किया गया है, ताकि वे श्री गणेशजी की महिमा और उपासना को समझ सकें। पाठ में कुछ उर्दू शब्दों का उपयोग किया गया है और अनुवादक ने पाठकों से क्षमा भी मांगी है। अंत में, पाठक से अनुरोध किया गया है कि वे ग्रंथ की बातों पर ध्यान दें और भगवान गणेश की कृपा से लाभान्वित हों।
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