शिव पुरानभाषा | Shiva Purana Bhasa

By: पं प्यारेलाल रुग्गू - Pt. Pyarelal Ruggu


दो शब्द :

इस पाठ में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक विषयों का उल्लेख किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के विभिन्न आचारों, आश्रमों, जातियों, और देवी-देवताओं का वर्णन किया गया है। चार आश्रमों के बारे में बताया गया है: ब्रह्मचारी, गृहस्थ, वानप्रस्थ, और संन्यास। इसके साथ ही विभिन्न वर्णों, युगों, और वेदों का भी उल्लेख किया गया है। पाठ में विभिन्न प्रकार की जातियों और उनके वर्गीकरण का उल्लेख है, जैसे क्षत्रिय, वेश्य, और कायस्थ। इसमें विभिन्न शास्त्रों और पुराणों का भी जिक्र किया गया है, जैसे कि शिवपुराण, पद्मपुराण, और अन्य ग्रंथों में वर्णित देवताओं और अवतारों की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही, पाठ में सिद्धियों, शक्तियों, और विभिन्न धातुओं, रत्नों, और औषधियों का भी विवरण है। पाठ में धार्मिक अनुष्ठानों, यज्ञों, और साधनाओं की भी चर्चा की गई है। कुल मिलाकर, यह पाठ हिंदू धर्म की विविधताओं, आचारों, और विश्वासों का एक समृद्ध स्रोत प्रस्तुत करता है।


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