रघुवंश महाकाव्य | Raghu vansh

- श्रेणी: Blog and Articles | ब्लॉग और अनुच्छेद काव्य / Poetry महकाव्य / mahakavya संस्कृत /sanskrit
- लेखक: कालिदास - Kalidas
- पृष्ठ : 624
- साइज: 30 MB
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में कालिदास और उनके काव्यों, विशेषकर "रघुवंश" की चर्चा की गई है। कालिदास को संस्कृत साहित्य का महान कवि माना जाता है, और उनके काव्य में शृंगार और रस की गहराई देखने को मिलती है। पाठ में उल्लेख है कि कालिदास की रचनाएँ न केवल काव्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे ज्ञान, धर्म और मोक्ष के विषयों को भी छूती हैं। "रघुवंश" महाकाव्य की विशेषताएँ और इसकी लोकप्रियता का जिक्र किया गया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि इस काव्य पर कई विद्वानों ने टीकाएँ लिखी हैं, जिनमें से मद्धिनाथ की टीका को अधिक मान्यता प्राप्त है। पाठ में यह भी कहा गया है कि कालिदास की रचनाएँ केवल साहित्यिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। उनके काव्य का अध्ययन करने से पाठकों को जीवन के विभिन्न पहलुओं का ज्ञान मिलता है। अंत में, पाठ में कालिदास की जीवनी और उनके जीवन से जुड़ी कुछ किंवदंतियों का उल्लेख किया गया है, जिसमें उनकी प्रतिभा और साहित्य में योगदान की सराहना की गई है। पाठ का समग्र उद्देश्य कालिदास की काव्य प्रतिभा और उनकी रचनाओं के महत्व को उजागर करना है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.