महाराजा | Maharaja

- श्रेणी: कहानियाँ / Stories हिंदू - Hinduism
- लेखक: दीवान जरमनी दस - Deevan Jarmani Das
- पृष्ठ : 352
- साइज: 9 MB
- वर्ष: 1670
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दो शब्द :
इस पुस्तक का उद्देश्य भारतीय महाराजाओं के व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन का विवरण प्रस्तुत करना है। लेखक, दीवान जरमनी दास, ने अपनी अनुभवों के आधार पर महाराजाओं की जीवनशैली, उनके भव्यता के साथ-साथ उनके संघर्षों का वर्णन किया है। पुस्तक में विशेष रूप से महाराजाओं के व्यक्तिगत जीवन की विविधताएँ, उनके दिनचर्या, शौक, और उनके दरबार की गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। लेखक स्पष्ट करते हैं कि उनका उद्देश्य किसी के चरित्र को कलंकित करना नहीं है, बल्कि उन राजाओं के जीवन के वास्तविक रूप को उजागर करना है। पुस्तक में महाराजाओं के भव्य महलों, उनके शौक जैसे शिकार करना, ताश खेलना, और शराब का सेवन करने की आदतों का भी वर्णन किया गया है। महाराजा की दिनचर्या में सुबह देर से उठना, महल में रानियों द्वारा गीत गाना, और रात को देर तक ताश खेलना शामिल है। इसके अलावा, महाराजाओं की राजनीतिक स्थिति और स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है। लेखक ने यह भी बताया है कि कैसे ये महाराजा अपनी रियासतों का प्रबंधन करते थे और उनके मंत्रालयों के कामकाज पर उनका कितना प्रभाव था। कुल मिलाकर, यह पुस्तक भारतीय राजाओं के जीवन की भव्यता और जटिलता को दर्शाती है, जिसमें उनके व्यक्तिगत सुख-दुख, सामाजिक जीवन और राजनीति की भी झलक मिलती है।
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