श्रृंगार शतक | Shringar Shatak

By: भर्तृहरि - Bhartrahari
श्रृंगार शतक | Shringar Shatak by


दो शब्द :

यह पाठ विभिन्न विषयों पर विचार प्रस्तुत करता है, जिसमें अनुवाद, साहित्य, स्त्री-स्वरूप, और उनके हाव-भाव का वर्णन शामिल है। लेखक, जो कि एक अनुवादक हैं, अपने अनुवाद के कार्यों के प्रति पाठकों की प्रतिक्रिया का उल्लेख करते हैं। उन्होंने "वैराग्यशतक" और "नीतिशतक" के सफल अनुवाद के बाद "एड्रारशतक" का अनुवाद भी किया, जिसका उन्हें पाठकों से अच्छा प्रतिसाद मिला। लेखक इस बात पर भी प्रकाश डालते हैं कि स्त्रियों के हाव-भाव और नाज़-नखरे पुरुषों को आकर्षित करते हैं। वे बताते हैं कि स्त्रियाँ अपने हाव-भाव के माध्यम से पुरुषों को मोहित करने में सक्षम हैं और यह उनकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं। पाठ में नूरजहाँ का उदाहरण दिया गया है, जो अपने हाव-भाव से जहाँगीर का दिल जीत लेती हैं। अंत में, लेखक का तर्क है कि स्त्रियों के हाव-भाव और अदाएँ एक प्रकार के अस्त्र हैं, जिनका उपयोग वे पुरुषों को आकर्षित करने और अपने वश में करने के लिए करती हैं। इस प्रकार, पाठ स्त्री और पुरुष के बीच के संबंधों, विशेषकर आकर्षण और मोह का एक गहरा चित्र प्रस्तुत करता है।


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