चुने हुए ज्योतिष योग | important Planetary Yogas

- श्रेणी: ग्रह , नक्षत्र / grah nakshtra ज्योतिष / Astrology योग / Yoga
- लेखक: जगन्नाथ भसीन - Jagnnath Bhsin
- पृष्ठ : 170
- साइज: 6 MB
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दो शब्द :
इस पाठ का सारांश ज्योतिष और उसके विभिन्न योगों के बारे में है। लेखक जगन्ताथ संसीन ने ज्योतिष के महत्वपूर्ण नियमों और योगों का वर्णन किया है, जैसे महाभाग्य योग, माता का स्वल्पआयु योग, मालव्य योग, छदंग योग, यमल योग, राज्यत्याग योग, और रुचक योग। महाभाग्य योग की परिभाषा इस प्रकार है कि यदि पुरुष का जन्म दिन में और स्त्री का रात में हो, और उनके लग्न, सूर्य लग्न और चन्द्र लग्न विशेष राशियों में स्थित हों, तो यह योग बनता है, जिससे व्यक्ति को महान भाग्य और धन की प्राप्ति होती है। माता का स्वल्पआयु योग बताता है कि यदि चतुर्थ भाव और उसके कारक चन्द्र पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो, तो माता की आयु कम हो सकती है। मालव्य योग में शुक्र का केन्द्र में उच्च राशि में होना आवश्यक है, जिससे व्यक्ति सुन्दर और धनवान बनता है। छदंग योग तब बनता है जब कोई ग्रह उच्च होकर केन्द्र में हो और उसके नवांश का स्वामी भी बलवान हो। यमल योग का निर्माण तब होता है जब लग्नाधिपति, तृतीयाधिपति और बुध का आपस में संबंध होता है। राज्यत्याग योग तब बनता है जब दशम भाव में पाप ग्रहों का प्रभाव होता है, जिससे व्यक्ति जानबूझकर राज्य का त्याग कर सकता है। अंत में, रुचक योग तब बनता है जब मंगल अपनी उच्च राशि में या अपने क्षेत्र में होकर केन्द्र में स्थित होता है, जिससे व्यक्ति को साहस और बल की प्राप्ति होती है। इन सभी योगों का अध्ययन व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालने वाले विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है।
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