घाघ और भड्डरी की कहावतें | Ghagh Aur Bhaddari Ki Kahawaten

By: पं हरिहरप्रसाद त्रिपाठी - Pt. Hariharprasad Tripathi


दो शब्द :

इस पाठ में भारतीय कृषि और उसके महत्व पर चर्चा की गई है। प्राचीन काल से ही भारत में कृषि का कार्य होता आया है, और इसे आदर की दृष्टि से देखा जाता था। हालांकि, आधुनिक समय में कृषि को हेय दृष्टि से देखा जाने लगा है। भोजन के लिए कृषि आवश्यक है, और इससे न केवल शारीरिक बल में वृद्धि होती है, बल्कि यह आत्मिक और सामाजिक उन्नति का भी साधन है। पुस्तक में कृषि से संबंधित कई कहावतें और सूक्तियाँ शामिल की गई हैं, जिनमें से अधिकांश घाघ नामक प्रसिद्ध कवि की हैं। ये कहावतें कृषि और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं, जैसे कि सुबह जल्दी उठना, खेती और गाय की देखभाल, सही खान-पान, और मेहनत के महत्व। कुल मिलाकर, यह पाठ कृषि के महत्व को उजागर करता है और पाठकों को यह प्रेरणा देता है कि वे कृषि कार्य में अधिक रुचि लें और इसे अपने जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बनाएं। यह पुस्तक कृषकों के लिए उपयोगी मानी गई है, और इसमें दी गई ज्ञानवर्धक बातें उन्हें सफलता प्राप्त करने में सहायता करेंगी।


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