शुक्रनीति | Shukra-Niti

- श्रेणी: Crime,Law and Governance | अपराध ,कानून और शासन ज्योतिष / Astrology दार्शनिक, तत्त्वज्ञान और नीति | Philosophy भारत / India विज्ञान / Science
- लेखक: खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas
- पृष्ठ : 264
- साइज: 13 MB
- वर्ष: 1895
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में धर्म, आचार, और नीतिशास्त्र के महत्व पर चर्चा की गई है। लेखक ने उल्लेख किया है कि धर्म मानव जीवन का आधार है और यह सभी मनुष्यों के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया है कि प्राचीन ऋषियों ने आचार, व्यवहार, और प्रायश्चित्त के बारे में महत्वपूर्ण उपदेश दिए हैं। विशेष रूप से, शुक्राचार्य द्वारा दिए गए राजधर्म के उपदेश को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, जो न केवल आचार और नीति में बल्कि दैनिक जीवन में भी उपयोगी हैं। लेखक ने यह भी कहा है कि शुक्रनीति जैसे ग्रंथों का अध्ययन करने से लोगों को अपने जीवन में सुख और सफलता प्राप्त हो सकती है। शुक्राचार्य के उपदेशों को समझने के लिए एक पंडित द्वारा की गई भाषाटीका का भी उल्लेख किया गया है, जिससे लोग इस ज्ञान को अपने जीवन में लागू कर सकें। पाठ का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग धर्म और नीति के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सफल बना सकें और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.