सामवेद | Samved

- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ Magic and Tantra mantra | जादू और तंत्र मंत्र Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता धार्मिक / Religious वैदिक काल / vedik period हिंदू - Hinduism
- लेखक: श्रीराम शर्मा आचार्य - Shri Ram Sharma Acharya
- पृष्ठ : 372
- साइज: 11 MB
- वर्ष: 1960
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दो शब्द :
इस पाठ में सामवेद की महत्ता और उसके उद्देश्य के बारे में चर्चा की गई है। सामवेद को उपासना प्रधान माना गया है, जिसमें मुख्य रूप से संगीतात्मक ऋचाएँ एकत्रित की गई हैं। यह वेद यज्ञों में देवताओं की स्तुति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। सामवेद के माध्यम से भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान एवं मुक्ति के मार्ग का ज्ञान दिया जाता है। सामवेद में ज्ञान और कर्म को जोड़ने का प्रयास किया गया है, जिससे मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सके। यह वेद विभिन्न देवताओं की स्तुतियों के रूप में उपदेश प्रस्तुत करता है, जिससे मानव जीवन को सार्थक बनाने में मदद मिलती है। सामवेद के अध्ययन से व्यक्ति धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के चार पुरूषार्थों को सिद्ध कर सकता है। पाठ में अग्नि देवता की स्तुति भी की गई है, जिसमें अग्नि को यज्ञों का अधिपति और देवताओं का दूत माना गया है। अग्नि की महिमा, उसकी शक्ति, और यज्ञों में उसकी भूमिका को विस्तार से बताया गया है। सामवेद की ऋचाएँ मानव जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने के लिए मार्गदर्शन करती हैं। इस प्रकार, पाठ सामवेद के महत्व, उसके आध्यात्मिक तत्वों और अग्नि की स्तुति के माध्यम से मानवता के कल्याण के उद्देश्य को दर्शाता है।
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