यूनानी चिकित्सा विज्ञान | Unanani Chikitsa vigyan

- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद
- लेखक: डॉ रोबर्ट हेइलिग़ - Dr. Robert Heilig
- पृष्ठ : 588
- साइज: 24 MB
- वर्ष: 1878
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दो शब्द :
इस पाठ में यूनानी चिकित्सा पद्धति के महत्व और इसकी जानकारी हिंदी में प्रस्तुत करने का उद्देश्य बताया गया है। प्रकाशक श्री वैधताथ आयुर्वेद भवन लिमिटेड ने एक ग्रंथ प्रकाशित किया जिसका नाम "यूनानी चिकित्सा-सार" है। इस ग्रंथ का उद्देश्य यूनानी चिकित्सा को सरल और स्पष्ट हिंदी में प्रस्तुत करना है ताकि इसे अधिक से अधिक पाठकों और वैद्य समाज के लोगों तक पहुँचाया जा सके। लेखक ठाकुर दलजीत सिंह ने यूनानी चिकित्सा से संबंधित प्रामाणिक और तुलनात्मक रूप से महत्वपूर्ण सामग्री को एकत्रित किया है। उन्होंने इस ग्रंथ को लिखने के दौरान कई भाषाओं के ग्रंथों से सहायता ली है। लेखक का मानना है कि इस ग्रंथ के माध्यम से पाठक यूनानी चिकित्सा की बुनियादी सिद्धांतों और रोगों के निदान की विधियों को समझ सकेंगे। इस ग्रंथ में विभिन्न रोगों के निदान और उपचार के बारे में जानकारी दी गई है और इसे सरल हिंदी में लिखा गया है। लेखक ने यह भी बताया है कि भविष्य में भी यूनानी चिकित्सा से संबंधित और साहित्य प्रकाशित करने की योजना है। पाठ में इस बात का भी उल्लेख है कि यूनानी चिकित्सा की पद्धति आज भी देश के एक बड़े जनसमुदाय के लिए महत्वपूर्ण है और इसमें अच्छे हकीम मौजूद हैं जो इस चिकित्सा पद्धति से रोगों का उपचार करते हैं। लेखक ने सभी पाठकों से निवेदन किया है कि वे ग्रंथ में यदि कोई त्रुटियाँ पाते हैं तो उन्हें सूचित करें ताकि अगले संस्करण में सुधार किया जा सके। इस प्रकार, यह पाठ यूनानी चिकित्सा के प्रचार-प्रसार और इसकी अध्ययन सामग्री को हिंदी में प्रस्तुत करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है।
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