वैदिक गणित शास्त्र | Vaidik Ganit Shastra

- श्रेणी: विज्ञान / Science वैदिक काल / vedik period संस्कृत /sanskrit साहित्य / Literature
- लेखक: डॉ. एम. एल. व्यास - Dr. M. L. Vyas
- पृष्ठ : 84
- साइज: 1 MB
- वर्ष: 1963
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दो शब्द :
इस पाठ का मुख्य विषय वेदों का ज्ञान और उनकी महत्ता है। लेखक ने वेदों को ज्ञान की प्राचीनतम निधि बताया है, जिसमें भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की सम्पूर्ण विधाएँ समाहित हैं। वेदों को केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि विज्ञान, गणित और ज्योतिष का भी स्रोत माना गया है। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि विभिन्न विद्वानों ने वेदों के निर्माण काल पर अलग-अलग मत प्रस्तुत किए हैं, जिनमें से कुछ ने इसे 2000 ईसा पूर्व से लेकर 8500 ईसा पूर्व तक माना है। पाठ के अनुसार, वेदों में गणित, खगोल विज्ञान, यज्ञ प्रक्रिया और ग्रहों की गति से संबंधित ज्ञान शामिल है। लेखक ने यह भी बताया कि वैदिक साहित्य में गणित के सिद्धांतों का उल्लेख किया गया है और यह शोध का एक प्रारंभिक प्रयास है। इसके माध्यम से लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि वेदों का अध्ययन और उनका ज्ञान आज भी प्रासंगिक है और आधुनिक विज्ञान के लिए प्रेरणा स्रोत हो सकता है। अंत में, लेखक ने वेदों के महत्व को स्वीकार करते हुए यह बताया कि वेदों में निहित ज्ञान मानवता के लिए अमूल्य है और यह हमारी प्राचीन संस्कृति और ज्ञान का प्रतीक है।
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