कहानी डायनासोरों की | Kahani Dinosaurs Ki

By: आशुतोष उपाध्याय - Aashutosh Upadhyay पुस्तक समूह - Pustak Samuh


दो शब्द :

इस पाठ में डायनासोरों के बारे में जानकारी दी गई है, जो करोड़ों साल पहले धरती पर राज करते थे। लेखक आशुतोष उपाध्याय के अनुसार, डायनासोर विभिन्न आकार और प्रकार के थे, कुछ बड़े और कुछ छोटे, और उनमें से कुछ शाकाहारी, मांसाहारी या सर्वाहारी थे। डायनासोर एक विशेष प्रकार के सरीसृप थे और उनका धरती पर लगभग 16 करोड़ वर्षों तक अस्तित्व रहा। करीब साढ़े छह करोड़ साल पहले, डायनासोर अचानक धरती से गायब हो गए। इसके पीछे एक बड़े उल्कापिंड के धरती से टकराने का कारण माना जाता है, जिसके चलते वायुमंडल में धूल और धुएं के बादल छा गए, जिससे जीवन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ बिगड़ गईं। इस घटना के कारण धरती पर मौजूद 70 प्रतिशत जीव-जंतु नष्ट हो गए और केवल कुछ छोटे जीव बचे। लेख में जीवाश्मों के माध्यम से डायनासोरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है। जीवाश्मों से वैज्ञानिक उनके आकार, बनावट, और व्यवहार का पता लगाते हैं। डायनासोरों के युग को मेसोजोइक काल कहा जाता है, जिसे तीन खंडों - ट्रायासिक, जुरासिक, और क्रेटेसियस में बांटा गया है। इस प्रकार, डायनासोरों का अस्तित्व और उनका विलुप्त होना, धरती के इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाएं हैं, जो आज के जीवों, विशेषकर पक्षियों, के विकास को समझने में मदद करती हैं।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *