असामान्य मनोविज्ञान | Abnormal Psychology

By: जगदानन्द पाण्डेय - Jagdanand Pandey


दो शब्द :

यह पाठ "असामान्य मनोविज्ञान" पर केंद्रित है, जिसे श्री जगदानन्द पाण्डेय ने लिखा है। लेखक ने असामान्य मनोविज्ञान की व्याख्या करते हुए इसे एक प्रकार का विज्ञान बताया है, जो जीवों के असामान्य और विचित्र व्यवहारों का अध्ययन करता है। लेखक ने इस विषय की जटिलता और विभिन्न दृष्टिकोणों का उल्लेख किया है, जो इस विज्ञान के अंतर्गत आते हैं। पुस्तक की भूमिका में डॉ. विमलेश्वर दे ने पाण्डेय जी के कार्य की सराहना की है और इसे हिंदी में मनोविज्ञान की पुस्तकों के अभाव की पूर्ति के रूप में देखा है। लेखक ने अपनी अन्य रचनाओं का भी उल्लेख किया है और बताया है कि उन्होंने हिंदी में मनोविज्ञान के विभिन्न क्षेत्र में कई पुस्तकें लिखी हैं। लेखक ने यह भी कहा कि इस पुस्तक में प्रयुक्त भाषा सरल और सुगम बनाने का प्रयास किया गया है, ताकि पाठकों को इसे समझने में सुविधा हो। इसके साथ ही, उन्होंने पारिभाषिक शब्दों के लिए अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग किया है ताकि विद्यार्थियों को समझने में आसानी हो। इस पुस्तक में असामान्य मनोविज्ञान के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि अचेतन मन, मनो रचनाएँ, मनोलेंगिक विकास, लैंगिक विकृतियाँ, दैनिक मनोविकृतियाँ, मानसिक दर्बलता, आचारोन्माद आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है। लेखक का उद्देश्य विद्यार्थियों और मनोविज्ञान के प्रेमियों को सही जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे इस क्षेत्र में अपने ज्ञान को बढ़ा सकें। कुल मिलाकर, यह पुस्तक असामान्य मनोविज्ञान के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो हिंदी में उपलब्ध है और इसे पाठकों के लिए उपयोगी मानते हुए लेखक ने इसे प्रस्तुत किया है।


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