श्रीवाल्मीकि रामायण | ShriValmiki Ramayana

- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ साहित्य / Literature
- लेखक: पं राजाराम - Pt. Rajaram Profesar
- पृष्ठ : 341
- साइज: 8 MB
- वर्ष: 1915
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में वाल्मीकी रामायण और छान्दोग्य उपनिषद् का वर्णन किया गया है। वाल्मीकी रामायण के हिंदी अनुवाद की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि यह अनुवाद सरल, सरस और प्रामाणिक है, जिसे पढ़ने में बच्चे भी रुचि रखते हैं। इस पर पुरस्कार भी दिए गए हैं, जो इसकी गुणवत्ता को दर्शाते हैं। यह पुस्तक जीवन को सुधारने और नया जीवन देने वाली मानी गई है और इसे हर घर में होना चाहिए। इसके बाद, छान्दोग्य उपनिषद् के विषयों का उल्लेख किया गया है, जिसमें ओम की उपासना, उसकी महिमा और उसके फल का वर्णन है। ओम की उपासना के विभिन्न रूपों के बारे में जानकारी दी गई है, जिसमें उसकी आधिदेवता और आध्यात्मिक महत्व पर चर्चा की गई है। उपनिषद् में ओम के रहस्य और उसकी उपासना के प्रभावों का भी विवरण है। अंत में, उपनिषद् के पाठों में उपासना की विधियों और उनके फलों का वर्णन किया गया है, जिसमें साधु दृष्टि से समस्त साम की उपासना का महत्व बताया गया है। यह पाठ धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान के स्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.