चिकित्सा चन्दोदय | Chikitsa Chandodaya

By: बाबू हरिदास वैध - Babu Haridas Vaidhya


दो शब्द :

इस पाठ में खाँसी के विभिन्न प्रकारों, उनके लक्षण, कारण और उपचार के बारे में जानकारी दी गई है। खाँसी को मुख्य रूप से वातज, पित्तज, कफज, क्षतज और क्षयज के रूप में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक प्रकार की खाँसी के विशेष लक्षण और उनके निदान के तरीके भी बताए गए हैं। खाँसी के कारणों में मुख्य रूप से वायु, कफ और पित्त की स्थिति को महत्व दिया गया है। यह बताया गया है कि खाँसी का इलाज करते समय कफ का ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि यदि कफ छाती में जमा रहता है, तो खाँसी ठीक नहीं होगी। पाठ में यह भी बताया गया है कि खाँसी के साथ अन्य समस्याएं जैसे जुकाम, छाती में कफ और श्वास संबंधी समस्याएं भी जुड़ी हो सकती हैं। खाँसी के लक्षणों में गले में खुजली, सूखापन और कफ का आना शामिल हैं। पाठ में विभिन्न प्रकार की खाँसी के लिए विशिष्ट औषधियों और उपचार विधियों का उल्लेख किया गया है, जैसे गरम और ठंडी चीजों का सेवन, और कफ को बाहर निकालने वाली दवाओं का उपयोग। अंत में, यह स्पष्ट किया गया है कि खाँसी के इलाज में धैर्य और सही चिकित्सा पद्धति का अनुसरण करना आवश्यक है, ताकि रोगी को जल्दी राहत मिल सके।


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