हिंदी भाषा और साहित्य | Hindi Bhasha Aur Sahitya

By: श्यामसुंदर दास - Shyam Sundar Das
हिंदी भाषा और साहित्य | Hindi Bhasha Aur Sahitya by


दो शब्द :

लेखक श्यामसुंदरदास ने हिंदी भाषा और साहित्य का एक संक्षिप्त इतिहास लिखने का प्रयास किया है। उन्होंने अपने इस कार्य में हिंदी भाषा के इतिहास को पहले से लिखे गए ग्रंथों के आधार पर प्रस्तुत किया है, जबकि साहित्य के इतिहास पर पहले बहुत कम सामग्री उपलब्ध थी। उन्होंने पंडित महावीरप्रसाद द्विवेदी और पंडित रामनरेश त्रिपाठी के कार्यों का उल्लेख किया है, जिनमें हिंदी भाषा और साहित्य का विवेचन किया गया था, लेकिन उन्होंने उन पर कुछ सीमाओं का भी संकेत किया है। लेखक का उद्देश्य हिंदी साहित्य के विभिन्न युगों की विशेषताओं का उल्लेख करना है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि साहित्य की प्रगति किस प्रकार से हुई। उन्होंने यह भी बताया कि साहित्य का इतिहास विचारों और भावनाओं के विकास का इतिहास है, जबकि भाषा का इतिहास उन भावनाओं के व्यंजन का। इसके अतिरिक्त, लेखक ने इस पुस्तक को तैयार करने में अपने मित्रों और सहयोगियों का उल्लेख किया है, जिन्होंने विभिन्न अध्यायों की सामग्री जुटाने और उन्हें व्यवस्थित करने में सहायता की। इसके साथ ही, श्यामसुंदरदास ने आधुनिक भाषाओं के विकास में अतरंग और बहिरंग भाषाओं के भेद को स्पष्ट किया है। उन्होंने विभिन्न भाषाओं का वर्गीकरण किया है और बताया है कि कैसे पश्चिमी हिंदी, राजस्थानी, गुजराती, और अन्य भाषाएं आपस में जुड़ी हुई हैं। इस प्रकार, इस पुस्तक में हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास, विकास और भेदों को समझाने का प्रयास किया गया है।


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