कृषि विज्ञान | Krishi Vigyan

- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद अर्थशास्त्र / Economics विज्ञान / Science
- लेखक: जयराम सिंह - Jayram Singh
- पृष्ठ : 334
- साइज: 28 MB
- वर्ष: 1958
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दो शब्द :
इस पाठ में "कृषि-विज्ञान" नामक पुस्तक का विवरण और उसकी भूमिका का सारांश प्रस्तुत किया गया है। लेखक जयराम सिंह ने इस पुस्तक को हाई स्कूल के विद्यार्थियों के लिए कृषि विज्ञान के क्षेत्र में आवश्यक जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा है। पुस्तक के पहले संस्करण की भूमिका में लेखक ने कृषि के क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों और समस्याओं को उजागर किया है, और बताया है कि कैसे अब तक ऐसी कोई पुस्तक नहीं थी जो विद्यार्थियों को इन विषयों से परिचित करा सके। द्वितीय संस्करण की भूमिका में लेखक ने बताया है कि पुस्तक को काफी सराहा गया और इसके आधार पर कुछ सुधार किए गए हैं। इस संस्करण में पाठ्यक्रम के अनुरूप नई जानकारियाँ और अध्याय जोड़े गए हैं। तृतीय संस्करण की भूमिका में लेखक ने कहा है कि इस संस्करण में पुस्तक का कलेवर आधुनिक बनाया गया है और पाठ्यक्रम में हाल के परिवर्तनों के अनुसार जानकारी बढ़ाई गई है। पुस्तक में विभिन्न अध्यायों के माध्यम से कृषि से संबंधित विषयों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है, जैसे जलवायु, मृदा, सिंचाई, खाद, फसल चक्र, पौधों और उनकी विशेषताओं, कृषि में लाभ-हानि पहुँचाने वाले जीव आदि। यह पुस्तक कृषि विज्ञान के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ सामग्री है, जो छात्रों को कृषि के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराती है।
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