जातक कथा माला(१९८१) | Jatak Katha Mala(1981)

By: रामचन्द्र वर्मा - Ramchandra Verma
जातक कथा माला(१९८१) | Jatak Katha Mala(1981) by


दो शब्द :

जातक कथा-माला का यह पाठ बौद्ध साहित्य में जातकों के महत्व को दर्शाता है। जातक कथाएँ भगवान बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ मानी जाती हैं और इन्हें बौद्ध धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। यह बताया गया है कि जातकों के द्वारा दिए गए उपदेशों का उद्देश्य मानवता के कल्याण के लिए शिक्षाएँ प्रदान करना है, जिससे लोग सही मार्ग पर चल सकें और बुराइयों से दूर रह सकें। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि जातक कथाओं का संग्रह विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में पाया जाता है, और उनकी संख्या के बारे में विभिन्न मत हैं। इनमें से कुछ कथाएँ अत्यंत प्राचीन हैं, जबकि अन्य आधुनिक युग में लिखी गई हैं। जातक कथाएँ न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सभी पाठकों के लिए नैतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। जातक कथाएँ हमें प्राचीन भारतीय समाज के अचार-व्यवहार, धर्म, राजनीति, और अर्थशास्त्र के बारे में भी जानकारी प्रदान करती हैं। ये कथाएँ समस्त मानवता के लिए समानता और प्रेम का संदेश देती हैं। लेखक ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे जातक-माला को हिंदी पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि युवा पीढ़ी इन उपदेशों से लाभान्वित हो सके। इस संग्रह में कुछ चुनिंदा कथाएँ शामिल की गई हैं, और पाठकों के लिए इसे समझने में मदद करने के लिए कुछ शब्दों के अर्थ भी दिए गए हैं। लेखक का उद्देश्य यह है कि यदि यह संग्रह पाठकों को पसंद आए, तो वे इसके दूसरे भाग की भी तैयारी करेंगे। इस प्रकार, जातक कथाएँ न केवल धार्मिक महत्व रखती हैं, बल्कि ये मानवता के लिए भी प्रेरणादायक हैं।


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