अर्ध-मगधी शब्दकोश | AARDH MAGADHI DICTIONARY

By: रत्ना चन्द्र जी महाराज - Ratna Chandra Ji Maharaj
अर्ध-मगधी  शब्दकोश  | AARDH MAGADHI DICTIONARY by


दो शब्द :

यह पाठ एक जैन धार्मिक ग्रंथ का अंश प्रतीत होता है, जिसमें संस्कृत और हिंदी के मिश्रण का उपयोग किया गया है। इसमें जैन धर्म के विभिन्न पहलुओं, सिद्धांतों और अनुशासनों का उल्लेख किया गया है। पाठ में जैन परंपरा, प्रवचन, धर्म की विशेषताएँ, तथा जैन आचार्यों का उल्लेख किया गया है। ग्रंथ के लेखक और संपादक का नाम उल्लेखित है, जो जैन समुदाय के प्रमुख धार्मिक व्यक्तित्व हैं। पाठ में जैन धर्म के तत्वों की व्याख्या, उनकी महत्वता, और अनुयायियों को दिए जाने वाले उपदेशों का समावेश है। यह धार्मिक ग्रंथ जैन संस्कृति और आचार-व्यवहार को समझने के लिए महत्वपूर्ण है, और इसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे कि आत्मा, कर्म, मोक्ष, और धार्मिक आचरण। कुल मिलाकर, यह पाठ जैन धर्म के सिद्धांतों और आचारों का विस्तृत वर्णन करता है, जिसमें अनुशासन, ज्ञान, और आध्यात्मिकता के महत्व को उजागर किया गया है।


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