कबीर साहेब की शब्दावली | Kabir Saheb Ki Shabdawali

- श्रेणी: काव्य / Poetry भक्ति/ bhakti साहित्य / Literature
- लेखक: श्री कृष्णदास जी - Shree Krishndas Jee
- पृष्ठ : 351
- साइज: 91 MB
- वर्ष: 1874
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दो शब्द :
इस पाठ में कबीर साहब के जीवन और उनके अद्भुत पदों की चर्चा की गई है। कबीर साहब की रचनाएँ विभिन्न लिपियों में संग्रहित की गई हैं, और उनके गूढ़ शब्दों के अर्थ भी स्पष्ट किए गए हैं। पाठ में कबीर साहब के विचारों, भक्ति और प्रेम के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया गया है। कबीर की भक्ति का मुख्य संदेश है कि सच्चा सुख केवल भक्ति और प्रेम में ही है, न कि भौतिक वस्तुओं में। वे संसार के माया जाल और लोभ-लालच से दूर रहने की प्रेरणा देते हैं। उनके पदों में भक्तियोग, भगवान के प्रति प्रेम, और आत्मज्ञान की खोज का उल्लेख है। कबीर साहब के विचारों में यह भी बताया गया है कि संतों की संगति और सतगुरु का महत्व कितना बड़ा है। वे यह सिखाते हैं कि मानव जीवन का उद्देश्य आत्मा का उद्धार और सच्चे प्रेम की प्राप्ति है। पाठ में कबीर की रचनाओं के माध्यम से भक्ति, प्रेम, और मोक्ष की गहराई को समझाने का प्रयास किया गया है। इस प्रकार, पाठ कबीर साहब के जीवन और उनके शिक्षाओं की गहनता को उजागर करता है, जिसमें प्रेम, भक्ति, और आत्मिक उन्नति की बातें की गई हैं।
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