मानक हिंदी कोश (खंड पांच ) | Mahak Hindi Kosh (vol.5)

By: रामचंद्र वर्मा - Ram chandra Verma
मानक हिंदी कोश (खंड पांच ) | Mahak Hindi Kosh  (vol.5) by


दो शब्द :

इस पाठ में मानक हिंदी कोश के पांचवें और अंतिम खंड की प्रस्तुति की गई है। इसमें बताया गया है कि इस कोश का कार्य लगभग 10-11 वर्ष पहले शुरू हुआ था और इसके संपादन का जिम्मा रामचंद्र वर्मा को सौंपा गया था। यह कोश हिंदी शब्दों के अर्थों और उनके विवेचन का महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रकाशित किया गया है। प्रकाशकीय में कहा गया है कि हिंदी शब्द सागर के बाद यह हिंदी का दूसरा बड़ा और महत्वपूर्ण कोश है। कोश की विशेषताओं का उल्लेख पहले खंड में किया गया है, जिसमें शब्दों का अर्थ विवेचन महत्वपूर्ण है। यह कार्य एक पीढ़ी में पूरा नहीं होता और इसके लिए कई विद्वानों का योगदान आवश्यक है। मोहनलाल भट्ट, जो हिंदी साहित्य सम्मेलन के सचिव हैं, ने इस कोश की प्रशंसा की है और आशा व्यक्त की है कि हिंदी जगत इसे सराहेगा। इसके अलावा, पाठ में विभिन्न संकेताक्षरों और संस्कृत शब्दों की व्युत्पत्ति के संकेत भी दिए गए हैं, जो कोश के उपयोग को सरल बनाते हैं। अंत में, विभिन्न शब्दों के अर्थ और उनकी उपयुक्तता का विस्तृत विवरण दिया गया है, जिसमें शब्दों के व्याकरणिक रूप, अर्थ और उनके उपयोग की विधियाँ शामिल हैं। इस प्रकार, यह पाठ हिंदी शब्दावली के समृद्ध संदर्भ की जानकारी देता है।


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