भारत का संविधान | Bharat ka Savidhan

By: राजेंद्र प्रसाद - Rajendra Prasad
भारत का संविधान | Bharat ka Savidhan by


दो शब्द :

इस पाठ में भारतीय संविधान के हिंदी अनुवाद की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है। भारतीय संविधान-सभा ने अध्यक्ष को यह अधिकार दिया कि वे संविधान का हिंदी अनुवाद 26 जनवरी 1950 तक प्रकाशित करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में संविधान के अनुवाद में समानता बनी रहे, एक सम्मेलन बुलाया गया जिसमें भाषा विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में उन पारिभाषिक शब्दों का एक कोष तैयार किया गया, जो संविधान में प्रयुक्त होते हैं और विभिन्न भाषाओं में समान रूप से स्वीकार्यता रखते हैं। संविधान के अनुवाद में कुछ नए शब्द शामिल किए गए हैं, जो कुछ लोगों को असामान्य लग सकते हैं, लेकिन ये उन अधिकांश भारतीय भाषाओं के प्रतिनिधियों द्वारा स्वीकार किए गए हैं। उदाहरण के लिए, "जामिन" शब्द का उपयोग अलग अर्थ में किया गया है, जबकि हिंदी में इसका सामान्य अर्थ जमानत देना होता है। अन्य शब्दों का चयन भी विभिन्न भाषाओं के शब्दों के आधार पर किया गया है, ताकि वे सरकारी और कानूनी उपयोग में भी प्रभावी रह सकें। अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने आशा व्यक्त की कि जब केंद्र और राज्यों में हिंदी का प्रयोग बढ़ेगा, तो ये शब्द सरकारी कामकाज के लिए मान्य हिंदी शब्द बन जाएंगे। पाठ का अंत दिल्ली में 24 जनवरी 1950 को होता है, जिसमें संविधान के हिंदी अनुवाद की प्रक्रिया और उसके महत्व पर प्रकाश डाला गया है।


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