वास्तु कलानिधि | Album of Indian Architectural Designs

- श्रेणी: Art and Architecture | कला और वास्तुकला
- लेखक: श्री प्रभाशंकर - Shri Prabhashankar
- पृष्ठ : 246
- साइज: 15 MB
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दो शब्द :
"वास्तु कलानिधि" एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें भारतीय वास्तुकला और निर्माण के सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन किया गया है। लेखक पद्मश्री प्रभाशंकर ओ. सोमपुरा, जो एक प्रसिद्ध शिल्पविशारद हैं, ने इस पुस्तक में वास्तु के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है। इस ग्रंथ में वास्तुकला के नियमों, सिद्धांतों और तकनीकों का समावेश किया गया है, जो प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला के आधार पर आधारित हैं। इसमें मंदिरों, महलों और अन्य निर्माणों के डिजाइन और निर्माण की प्रक्रियाओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है। लेखक ने वास्तु के सिद्धांतों को समझाते हुए यह बताया है कि कैसे सही दिशा, आकार और सामग्री का चयन करने से निर्माण की गुणवत्ता और स्थिरता में सुधार हो सकता है। साथ ही, इसमें वास्तु शास्त्र के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहलुओं का भी ध्यान रखा गया है, जो भारतीय समाज में इसकी प्रासंगिकता को दर्शाते हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को वास्तुकला के गूढ़ रहस्यों से परिचित कराना और उन्हें इस कला में दक्ष बनाने में मदद करना है। यह ग्रंथ न केवल वास्तुकारों और शिल्पकारों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए उपयोगी है जो भारतीय स्थापत्य कला में रुचि रखते हैं।
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