काया -चिकित्सा | Kaya-chikitsa

By: कविराज रामरक्षा पाठक - Kaviraj Ramaraksha Pathak
काया -चिकित्सा | Kaya-chikitsa by


दो शब्द :

यह पाठ आयुर्वेद के महत्व और इसकी चिकित्सा पद्धति पर केंद्रित है। यह बताता है कि आयुर्वेद के सिद्धांत और उपचार विधियों की विश्व में बढ़ती रुचि है, विशेषकर भारत और पश्चिमी देशों में। विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा आयुर्वेदिक अनुसंधान केंद्रों की स्थापना की गई है, जिससे इसकी प्रामाणिकता और मान्यता बढ़ी है। पाठ में उल्लेख किया गया है कि अमेरिका के रॉचेस्टर विश्वविद्यालय ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पर व्याख्यान के लिए भारतीय विशेषज्ञ को आमंत्रित किया, जिसमें आयुर्वेद के सिद्धांतों पर गहन चर्चा हुई। इसके अलावा, कई रोगी पाश्चात्य चिकित्सा से निराश होकर आयुर्वेद का सहारा लेकर स्वस्थ हुए हैं, जो आयुर्वेद की प्रभावशीलता को दर्शाता है। यह भी कहा गया है कि आयुर्वेद की इस सफलता का श्रेय इसके सिद्धांतों और उपचारों की गुणवत्ता को जाता है, न कि सरकारी प्रोत्साहन को। आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति की गहराई और व्यापकता इसे एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रणाली बनाती है। लेखक ने आयुर्वेद के एक प्रमुख विशेषज्ञ श्री रामरक्त पाठक की प्रशंसा की है, जो आयुर्वेदिक शिक्षा और अनुसंधान में उच्च स्थान रखते हैं। उनके नेतृत्व में आयुर्वेदिक चिकित्सा पर एक प्रामाणिक ग्रंथ के प्रकाशन की आवश्यकता को महसूस किया गया है, जो न केवल भारतीय चिकित्सकों और रोगियों के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उपयोगी सिद्ध होगा। लेखक ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह पुस्तक आयुर्वेद के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगी और इसे सभी आयुर्वेद प्रेमियों द्वारा सराहा जाएगा।


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