झाँसी की रानी- लक्ष्मी बाई (ऐतिहासिक उपन्यास) | Jhansi ki Rani - Lakshmi Bai (Etihasik Upnyas )

- श्रेणी: इतिहास / History उपन्यास / Upnyas-Novel जीवनी / Biography
- लेखक: वृन्दावनलाल वर्मा - Vrindavanlal Varma
- पृष्ठ : 526
- साइज: 15 MB
- वर्ष: 1956
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दो शब्द :
"झांसी की रानी लक्ष्मीबाई" एक ऐतिहासिक उपन्यास है जिसे प्रसिद्ध लेखक वंदावनलाल वर्मा ने लिखा है। इस उपन्यास में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और संघर्ष को दर्शाया गया है। रानी लक्ष्मीबाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख नायिका हैं, जिन्होंने 1857 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपन्यास में रानी की साहसिकता, नेतृत्व क्षमता और मातृभूमि के प्रति उनके अटूट प्रेम को उजागर किया गया है। यह कहानी केवल एक रानी की नहीं, बल्कि उस समय की सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों का भी चित्रण करती है। इसमें झांसी की रानी के साथ-साथ अन्य ऐतिहासिक पात्रों की भी गहरी छवि प्रस्तुत की गई है। लेखक ने अपने लेखन के माध्यम से पाठकों को उस युग की भावना और संघर्ष का अनुभव कराने का प्रयास किया है। उपन्यास में लक्ष्मीबाई के जीवन की कठिनाइयों, उनके निर्णय और उनकी युद्धकला को विस्तार से दर्शाया गया है। यह एक प्रेरणादायक कथा है जो बताती है कि कैसे एक महिला ने अपने देश की रक्षा के लिए जान की परवाह किए बिना संघर्ष किया। यह उपन्यास न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है।
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