हिंदी शब्द सागर | Hindi Shabd Sagar

By: अज्ञात - Unknown
हिंदी शब्द सागर | Hindi Shabd Sagar by


दो शब्द :

इस पाठ में हिंदी वर्णमाला के पहले अक्षर 'अ' का महत्व और उसकी विशेषताओं का वर्णन किया गया है। 'अ' का उच्चारण कंठ से होता है, जिससे इसे कंख्य वर्ण कहा जाता है। व्यंजनों का सही उच्चारण इस श्रक्तर की सहायता के बिना संभव नहीं है। इसे वर्णमाला में पहला स्थान दिया गया है, क्योंकि यह सृष्टि के उत्पन्न होने से पहले सृष्टिकर्ता की भ्रकुल अवस्था को सूचित करता है। वेदों में इसे श्रेष्ठ माना गया है और उपनिषदों में इसकी महत्ता का वर्णन है। इसे हस्व, दीर्घ, और प्लुत के तीन प्रकारों में विभाजित किया गया है, जिनमें सानुनासिक और निरनुनासिक भेद भी शामिल हैं। सानुनासिक का चिह्न चंद्रबिंदु होता है। इसके अलावा, पाठ में 'अ' के अन्य शाब्दिक अर्थ, जैसे कि लेखन, संख्या, और दाग आदि का भी उल्लेख किया गया है। इस प्रकार, 'अ' का वर्णन न केवल उसके उच्चारण से संबंधित है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण शास्त्रीय और सांस्कृतिक संदर्भ भी प्रस्तुत करता है, जो इसे अन्य वर्णों से अलग करता है।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *