विवेकानंद साहित्य जन्मशति संस्करण खंड-१ | Vivekanand Sahitya Janmshati Sanskaran Khand-1

By: स्वामी विवेकानंद - Swami Vivekanand


दो शब्द :

स्वामी विवेकानन्द के साहित्य का यह पाठ उनके विचारों और शिक्षाओं को प्रस्तुत करने का एक प्रयास है। इस ग्रंथ का प्रकाशन स्वामी विवेकानन्द की जन्मशती के उपलक्ष्य में किया जा रहा है, जिसमें उनकी सम्पूर्ण कृतियों का हिंदी में अनुवाद किया गया है। यह अनुवाद विभिन्न विद्वानों और कवियों के सहयोग से किया गया है, जिन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से स्वामी विवेकानन्द की विचारधारा को हिंदी पाठकों के लिए सुलभ बनाया है। इस ग्रंथ में स्वामी विवेकानन्द की प्रमुख कृतियों के साथ-साथ उनके अनकहे भाषण और लेख भी शामिल किए गए हैं। पाठ में यह बताया गया है कि स्वामी विवेकानन्द ने कैसे भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को पश्चिमी दुनिया में प्रस्तुत किया और मानवता के उत्थान के लिए अपने विचार साझा किए। साथ ही, यह भी उल्लेख किया गया है कि इस कार्य के लिए विभिन्न सरकारी संस्थानों ने आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिससे यह महत्त्वपूर्ण परियोजना सफल हो सकी है। स्वामी विवेकानन्द का उद्देश्य न केवल भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना था, बल्कि मानवता के लिए एक ऐसा मार्गदर्शन प्रदान करना भी था जो आत्मा की शुद्धता और प्रेम पर आधारित हो। ग्रंथ में उनके विचारों की गहराई और उनकी शिक्षाओं का महत्व स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। यह ग्रंथ स्वामी विवेकानन्द के विचारों को समझने और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक माध्यम है।


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