हिंदी ध्वन्यालोक | Hindi Dhvanyalok

- श्रेणी: साहित्य / Literature हिंदी / Hindi
- लेखक: डॉ. नगेन्द्र - Dr.Nagendra
- पृष्ठ : 582
- साइज: 12 MB
- वर्ष: 1952
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में 'हिंदी ध्वन्यालोक' नामक ग्रंथ के महत्व और उसकी रचना की पृष्ठभूमि का वर्णन किया गया है। लेखक ने इस ग्रंथ को हिंदी भाषा की गरिमा बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा है, जिसमें संस्कृत साहित्य के महत्वपूर्ण विचारों को हिंदी पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया गया है। ग्रंथ की संरचना में शब्दानुवाद और व्याख्या का विशेष ध्यान रखा गया है, ताकि पाठक सरलता से मूल पाठ को समझ सकें। इसमें प्राचीन साहित्य और दर्शन के कठिन विषयों को भी शामिल किया गया है, जिससे संस्कृत के विद्वान और हिंदी के छात्र दोनों को लाभ हो सके। लेखक ने यह भी उल्लेख किया है कि ग्रंथ में कठिन शास्त्रीय सामग्री को शामिल करते हुए, उसे सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा, ग्रंथ में प्राकृत भाषा के उदाहरणों का छायानुवाद भी दिया गया है, जिससे पाठकों को संदर्भ समझने में आसानी हो। ग्रंथ की भूमिका में लेखक ने विभिन्न विद्वानों के योगदान का उल्लेख किया है और उन सभी का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने इस कृति के निर्माण में सहयोग किया। इसमें संग्रहित ज्ञान और विचार आधुनिक और प्राचीन दोनों दृष्टिकोणों का समन्वय करते हैं। इस प्रकार, यह पाठ एक महत्वपूर्ण शास्त्रीय ग्रंथ 'हिंदी ध्वन्यालोक' की व्याख्या, उसकी रचना प्रक्रिया और उसके उद्देश्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.