आधुनिक भारतीय इतिहास एक प्रगत अध्ययन ( भाग १) | Aadhunik Bharatiya Itihas ek Pragat Adhyayan (part1)

- श्रेणी: इतिहास / History भारत / India साहित्य / Literature
- लेखक: एस. डी. द्विवेदी - S. D. Dwivedi
- पृष्ठ : 477
- साइज: 11 MB
- वर्ष: 1957
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दो शब्द :
इस पाठ का सारांश आधुनिक भारतीय इतिहास पर आधारित है, जिसमें मुगलों के पतन और विभिन्न शक्तियों के उत्थान का विश्लेषण किया गया है। पुस्तक का प्रारंभ मुगलों के साम्राज्य के अंत से होता है, जिसमें औरंगजेब की मृत्यु और उसके उत्तराधिकारियों की कमजोरियों का उल्लेख है। औरंगजेब के चार पुत्र थे, जो आपस में सत्ता के लिए संघर्ष करते रहे। बहादुर शाह, जो औरंगजेब का उत्तराधिकारी बना, ने अपने शासन में राजनीतिक अस्थिरता का सामना किया। उसकी नीतियों के कारण राजनैतिक दलों में विभाजन हुआ, जिससे मुगलों की स्थिति और कमजोर हो गई। बहादुर शाह की सहिष्णुता की नीति भी प्रभावी नहीं रही, क्योंकि इससे न तो कट्टर समर्थक संतुष्ट हुए और न ही स्वतंत्रता की आकांक्षा रखने वाले अन्य जातियों को संतोष मिला। इसके बाद सैय्यद बंधु का उदय होता है, जिन्होंने मुगल दरबार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारतीय मुसलमानों के एक नए गुट का प्रतिनिधित्व करते थे, जो अन्य शक्तियों के खिलाफ खड़े हुए। जहांदार शाह, जो बहादुर शाह का उत्तराधिकारी था, ने भी अपनी शक्ति को अपने समर्थकों को सौंप दिया और व्यक्तिगत आनंद में लिप्त हो गया, जिससे मुगल साम्राज्य की स्थिति और भी दयनीय हो गई। इस प्रकार, पाठ में भारतीय इतिहास के इस महत्वपूर्ण कालखंड में राजनीतिक संघर्ष, शक्ति संघर्ष और विभिन्न जातियों के बीच की जटिलताओं का विस्तृत चित्रण किया गया है।
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