जायसी एंड हिज पद्मावत | Jaayasi and His Padmavat

By: हजारी प्रसाद द्विवेदी - Hazari Prasad Dwivedi
जायसी एंड हिज पद्मावत | Jaayasi and His Padmavat by


दो शब्द :

पुस्तक "जायसी और उनका पद्मावत" में कविवर मलिक मोहम्मद जायसी के व्यक्तित्व और कृतित्व का विस्तृत अध्ययन किया गया है। लेखक श्री जीवनप्रकाश जोशी ने इस पुस्तक में जायसी की रचनाओं, विशेषकर उनके महाकाव्य "पद्मावत" की गहन व्याख्या की है। प्रस्तावना में डा. हजारीप्रसाद द्विवेदी ने इस पुस्तक के महत्व, लेखक के परिश्रम और साहित्य की सेवा का उल्लेख किया है। पुस्तक में जायसी की तत्कालीन परिस्थितियों, उनके जीवन-वृत, काव्य-ग्रंथों, और "पद्मावत" के हिंदी साहित्य में स्थान का विश्लेषण किया गया है। इसमें "पद्मावत" के प्रेम, विरह, और प्रकृति चित्रण जैसे विषयों पर चर्चा की गई है। जायसी के दार्शनिक विचारों और अलंकार-योजना का भी उल्लेख है। इस प्रकार, यह पुस्तक जायसी के काव्य और उनके दृष्टिकोण को समझने में सहायक है। लेखक ने "पद्मावत" को प्रेम महाकाव्य के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें प्रेम की विविधता और उसकी गहराई को दर्शाया गया है। पुस्तक में यह भी बताया गया है कि "पद्मावत" में लोक जीवन, धर्म, और सामाजिक मुद्दों का समावेश है। इसके साथ ही, तुलसीदास और जायसी के बीच के संबंधों का भी विश्लेषण किया गया है, जिसमें दोनों कवियों के प्रेम और भक्ति की अभिव्यक्ति का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। कुल मिलाकर, यह पुस्तक न केवल जायसी की काव्यकला का अध्ययन करती है, बल्कि हिंदी साहित्य में उनके योगदान को भी रेखांकित करती है।


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