हिन्दू जीवन का रहस्य | Hindu Jeevan Ka Rahasya

- श्रेणी: Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता धार्मिक / Religious हिंदू - Hinduism
- लेखक: भाई परमानन्द - Bhai Paramanada
- पृष्ठ : 168
- साइज: 5 MB
- वर्ष: 1928
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दो शब्द :
यह पाठ विभिन्न विषयों पर आधारित पुस्तकों की सूची और एक विचारशील व्यक्ति की आंतरिक चिंताओं को प्रस्तुत करता है। इसमें लेखक हिंदू संस्कृति, उसके महान इतिहास और वर्तमान स्थिति पर विचार कर रहा है। वह भारतीय संस्कृति के गौरवपूर्ण अतीत का उल्लेख करते हुए सोचते हैं कि कैसे यह भूमि महान ऋषियों, योद्धाओं और दार्शनिकों की जन्मभूमि रही है, जिन्होंने मानवता को महत्वपूर्ण शिक्षाएं दीं। लेखक अपने विचार में चिंतित हैं कि वर्तमान में हिंदू समाज का स्तर गिर गया है। वे प्रश्न उठाते हैं कि क्या यह वही जाति है जिसने महान व्यक्तित्वों को जन्म दिया था। समाज की वर्तमान स्थिति को लेकर वे निराश हैं, जैसे कि शिक्षा, धर्म और नेतृत्व में कमी आ गई है। वे हिंदू समाज की एकता की आवश्यकता पर बल देते हैं और इसे संगठन के माध्यम से सशक्त बनाने का सुझाव देते हैं। पाठ में एक संवाद भी प्रस्तुत किया गया है, जिसमें लेखक और एक आगंतुक के बीच हिंदू संगठन, हिंदू शब्द के महत्व, और जाति और धर्म के बीच के भेद पर चर्चा होती है। लेखक बताते हैं कि हिंदू शब्द एक गौरवशाली पहचान है और यह जातीय एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, पाठ में भारतीय संस्कृति के गौरव, वर्तमान की समस्याएं और हिंदू एकता की आवश्यकता को दर्शाया गया है। लेखक का उद्देश्य समाज को जागरूक करना और उसे एकजुट करने की दिशा में प्रेरित करना है।
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