हनुमान नाटक | Hanuman Natak

By: रामस्वरूप शर्मा - Ramswarup Sharma
हनुमान नाटक | Hanuman Natak by


दो शब्द :

यह पाठ एक नाटक का सारांश प्रस्तुत करता है, जिसमें प्रमुख रूप से रामायण की कथा के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। इसमें श्रीरामचन्द्रजी की महिमा, उनके कार्य और उनके भक्तों के प्रति प्रेम का वर्णन है। नाटक में भगवान राम का जन्म, उनके गुण, और रावण के साथ संघर्ष को प्रमुखता से उठाया गया है। पाठ में राम और सीता के विवाह के प्रसंग को भी शामिल किया गया है, जिसमें राजा जनक द्वारा धनुष उठाने की चुनौती दी जाती है। पाठ में विभिन्न पात्रों की भूमिका और उनके संवादों के माध्यम से राम के चरित्र को उजागर किया गया है। इसमें भक्तों की भक्ति, राम की लीला और उनके प्रति श्रद्धा का भी वर्णन है। पाठ का उद्देश्य राम की महिमा को प्रस्तुत करना और भक्तों को प्रेरित करना है। सारांश में यह दिखाया गया है कि राम का नाम स्मरण करने से भक्तों को अनेक प्रकार की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और वे भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा रखते हैं। अंततः, यह पाठ भगवान राम की शक्ति और उनके अनुग्रह की महिमा को दर्शाते हुए भक्तों को उनके चरणों में समर्पित करता है।


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