आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन | Aadhunik Bharatiya Rajnitik Chintan

- श्रेणी: Freedom and Politics | आज़ादी और राजनीति भारत / India
- लेखक: डॉ. विश्वनाथप्रसाद वर्मा - Dr.Vishwanathprasad Varma
- पृष्ठ : 683
- साइज: 24 MB
- वर्ष: 1960
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दो शब्द :
पुस्तक "आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिन्तन" में भारत के पुनर्जागरण और राष्ट्रवाद के विकास की चर्चा की गई है। लेखक डॉ. विश्वनाथप्रसाद वर्मा ने भारतीय राजनीति और सोच के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है, जिसमें प्रमुख विचारकों और नेताओं का योगदान शामिल है। इस ग्रंथ में बताया गया है कि आधुनिक एशिया में पुनर्जागरण की प्रक्रिया ने एशियाई देशों को एक नई दिशा दी। भारत में, ब्रिटिश उपनिवेशवाद के प्रभाव के तहत राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन की घटनाएँ हुईं। लेखक ने उन विचारकों का उल्लेख किया है जिन्होंने भारतीय संस्कृति और समाज में सुधार की दिशा में कार्य किया, जैसे राममोहन राय, दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, और अन्य। पुस्तक में यह बताया गया है कि भारतीय पुनर्जागरण का मुख्य उद्देश्य प्राचीन भारतीय संस्कृतियों और शिक्षाओं को पुनर्जीवित करना था, ताकि आधुनिकता के साथ सामंजस्य स्थापित किया जा सके। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि भारतीय राजनीति में विभिन्न धाराओं का विकास हुआ है, जिनमें समाजवाद, गांधीवाद और राष्ट्रीयता के सिद्धांत शामिल हैं। लेखक ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारतीय राजनीतिक चिन्तन में पश्चिमी विचारों का महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन भारतीय परिप्रेक्ष्य में इसे कैसे अपनाया गया, यह भी महत्वपूर्ण है। पुस्तक में विभिन्न धाराओं के विचारकों की विचारधाराएँ और उनके योगदान का विश्लेषण किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय राजनीति में विचारों का एक समृद्ध इतिहास है। इस प्रकार, "आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिन्तन" पुस्तक भारतीय संस्कृति, राजनीति और समाज के जटिल संबंधों को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो पाठकों को भारतीय राजनीतिक विचारधारा के विकास के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।
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