भैरव पदमावति कल्प | Bhairav Padmavati Kalp

- श्रेणी: Magic and Tantra mantra | जादू और तंत्र मंत्र ज्योतिष / Astrology
- लेखक: चन्द्रशेखर शास्त्री - Chandrashekhar Shastri
- पृष्ठ : 194
- साइज: 5 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में विभिन्न धार्मिक ग्रंथों की चर्चा की गई है, विशेषकर "भैरव पद्मावती कल्प" का उल्लेख किया गया है। यह ग्रंथ 12वीं शताब्दी में श्री सह्ञिषरेण सूरि द्वारा लिखा गया था और इसमें मंत्र, तंत्र, पूजा विधि, और स्तोत्र शामिल हैं। लेखक ने बताया कि इस ग्रंथ का महत्व इसलिए है क्योंकि यह मंत्र-शाखा के अद्वितीय ज्ञान को प्रस्तुत करता है। पाठ में इस ग्रंथ के संरक्षण और प्रकाशन की प्रक्रिया का भी उल्लेख किया गया है। इसे छापने में कई तकनीकी और प्रबंधन संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। विशेष रूप से, लेखक ने बताया कि यदि इसे सही तरीके से प्रकाशित नहीं किया गया तो यह ज्ञान नष्ट हो सकता था। इस ग्रंथ में विभिन्न यंत्रों का विवरण और उनकी पूजा विधि दी गई है, जो भक्तों के लिए उपयोगी है। इसके अलावा, पाठ में यह भी बताया गया है कि कैसे पुरानी हस्तलिखित प्रतियों के आधार पर इस ग्रंथ को पुनः प्रकाशित किया गया और नई जानकारी जोड़ी गई। अंत में, पाठ में ग्रंथ के रचनाकार और उनके समय की चर्चा की गई है, जिसमें उनके प्रभाव और योगदान पर भी प्रकाश डाला गया है। इस प्रकार, यह पाठ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ग्रंथों के संरक्षण और उनके ज्ञान के प्रसार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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