भारतीय संविधान का प्रारूप | Bhartiya Samvidhan Ka Prarup

By: अज्ञात - Unknown
भारतीय संविधान का प्रारूप | Bhartiya Samvidhan Ka Prarup by


दो शब्द :

इस पाठ में भारत के संविधान की विभिन्न धाराओं और उनके अंतर्गत अधिकारों, कर्तव्यों और नीतियों का उल्लेख किया गया है। इसमें मुख्यतः नागरिकों के अधिकारों, राज्य की नीतिगत जिम्मेदारियों, और शासन की संरचना का विवरण है। सर्वप्रथम, नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, और न्याय का अधिकार दिया गया है। धर्म, जाति, या लिंग के आधार पर भेदभाव का निषेध किया गया है। इसके अलावा, राज्य में नियुक्ति और सेवाओं में समानता को सुनिश्चित करने के लिए भी प्रावधान हैं। धार्मिक स्वतंत्रता, शिक्षा के अधिकार, और संपत्ति के अधिकार का भी उल्लेख किया गया है। राज्य को यह सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा गया है कि सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जाए। राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांतों में सामाजिक और आर्थिक न्याय, निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा, और कमजोर वर्गों के विकास का प्रावधान शामिल है। इसके अतिरिक्त, संविधान में संघ और राज्य के शासन की संरचना, संसद और विधान मंडल की प्रक्रियाएं, और न्यायालयों के अधिकारों का भी वर्णन किया गया है। यहाँ तक कि सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियों और महांकेक्षक की भूमिका को भी स्पष्ट किया गया है। इस प्रकार, पाठ में भारत के संविधान के विभिन्न पहलुओं का समावेश किया गया है, जो नागरिकों के अधिकारों और राज्य की जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है।


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