नादिज्ञान तरंगिनि आवर अनुपात तरंगिनि | Nadigyan Tarangini aur Anupat Tarangini

- श्रेणी: Art and Architecture | कला और वास्तुकला दार्शनिक, तत्त्वज्ञान और नीति | Philosophy संगीत / Music
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 194
- साइज: 6 MB
- वर्ष: 1936
-
-
Share Now:
दो शब्द :
यह पाठ नाड़ी विज्ञान और चिकित्सा के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें नाड़ी के विभिन्न प्रकार, उनके परीक्षण और रोगों के निदान के लिए उपयोग की जाने वाली विधियों का वर्णन किया गया है। नाड़ी विज्ञान में नाड़ियों की गति, उनके देवता और उनकी पहचान के लिए आवश्यक विधियों का विस्तार से वर्णन किया गया है। लेखक ने नाड़ी की गति को वात, पित्त और कफ के आधार पर वर्गीकृत किया है। प्रत्येक दोष की विशेषताएँ और उनके द्वारा उत्पन्न होने वाले रोगों का उल्लेख किया गया है। नाड़ी की परीक्षा के लिए आवश्यक शारीरिक स्थितियों, जैसे स्नान, भोजन और विश्राम की स्थिति पर भी ध्यान दिया गया है। पाठ में यह भी बताया गया है कि नाड़ी विज्ञान में अनुभव और अभ्यास कितनी महत्वपूर्ण है। नाड़ी के परीक्षण के दौरान कौन-कौन सी अंगुलियाँ और विधियाँ उपयोग में लाई जाएँ, इसका भी निर्देश दिया गया है। नाड़ी की गति के आधार पर विभिन्न प्रकार के रोगों का निदान किया जा सकता है, जैसे कि वात रोग, पित्त रोग, और कफ रोग। इस प्रकार, यह पाठ नाड़ी विज्ञान की गहराई में जाकर चिकित्सकीय ज्ञान को प्रस्तुत करता है, जो कि प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.