महागाथा | Mahagatha

- श्रेणी: कहानियाँ / Stories साहित्य / Literature
- लेखक: सीतेश आलोक - Sitesh Alok
- पृष्ठ : 655
- साइज: 42 MB
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दो शब्द :
महाभारत की कथा पर आधारित इस उपन्यास का लेखन एक अनियमित लेखक द्वारा किया गया है, जिसने पहले कभी इतनी बड़ी रचना की कल्पना नहीं की थी। लेखक के अनुसार, यह महाकाव्य न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि मानव जीवन के मूल्यों और संघर्षों का दर्पण भी है। महाभारत की कथा की शक्ति ने लेखक को प्रेरित किया और उन्होंने इसे लिखने में लगभग साढ़े चार साल का समय लगाया। महाभारत को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण मौजूद हैं; कुछ इसे धार्मिक मानते हैं, जबकि अन्य इसे ऐतिहासिक या कल्पना का मिश्रण मानते हैं। लेखक यह स्वीकार करता है कि महाभारत में कई ऐसे प्रसंग हैं जो वास्तविकता से मेल नहीं खाते, लेकिन ये कथा के प्रवाह को बनाए रखते हैं। लेखक ने यह भी बताया कि कुछ प्रसंग, जैसे कर्ण का जन्म और दुर्वासा के मंत्र से पुत्रों का जन्म, मिथक के रूप में देखे जा सकते हैं। महाभारत केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह मानवता, नैतिकता और जीवन के विभिन्न पहलुओं को एकत्रित करता है। इसके विभिन्न अनुवाद और रूपांतरण हुए हैं, जो इसकी व्यापकता और महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं। धारावाहिक महाभारत ने इसे और अधिक लोकप्रिय बनाया और दर्शकों ने इसे सराहा। लेखक ने महाभारत को एक कालजयी कृति माना है, जिसमें मानव अनुभवों की जटिलता और विविधता को दर्शाया गया है। यह न केवल एक कहानी है, बल्कि जीवन का एक अद्वितीय और गहन अध्ययन भी है, जो समय-समय पर विचारों और चर्चाओं का विषय रहा है। इस प्रकार, महाभारत साहित्य की एक अनमोल धरोहर है, जो अत्यधिक विचारोत्तेजक और महत्वपूर्ण है।
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