दो शब्द :

इस पाठ में भारत के प्राचीन इतिहास के अध्ययन और इसके विभिन्न स्रोतों का उल्लेख किया गया है। प्राचीन भारत की समृद्ध विद्या और संस्कृति के बारे में बताया गया है कि कैसे समय के साथ यह ज्ञान और संस्कृति प्रभावित हुई। पाठ में उल्लेख किया गया है कि भारत में कई स्वशासन वाले राज्य थे, और विदेशी आक्रमणों के कारण अनेक प्राचीन नगर और साहित्य नष्ट हुए। इतिहास के अध्ययन के लिए विभिन्न ग्रंथों का उल्लेख किया गया है, जो प्राचीन राजाओं और उनके कार्यों को दर्शाते हैं। इसके अलावा, प्राचीन लेखों, सिक्कों और शिलालेखों का अध्ययन करके भी इतिहास की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। समय के साथ प्राचीन लिपियों को पढ़ने की कला भी भुला दी गई, जिससे बहुत सी ऐतिहासिक जानकारियाँ खो गईं। पाठ में यह भी बताया गया है कि ब्रिटिश राज के दौरान भारत में शिक्षा का प्रसार हुआ और संस्कृत और प्राचीन भारतीय साहित्य का अध्ययन करने की दिशा में प्रयास किए गए। यूरोप में भी भारतीय इतिहास पर शोध शुरू हुआ और कई वैज्ञानिकों ने इस दिशा में काम किया। अंत में, यह कहा गया है कि प्राचीन भारतीय लिपियों का अध्ययन और उनके स्रोतों की खोज आवश्यक है ताकि प्राचीन इतिहास को समझा जा सके। यह पाठ भारत की ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण और अध्ययन के महत्व को उजागर करता है।


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