काली नागिन | Kaali Nagin

- श्रेणी: नाटक/ Drama साहित्य / Literature
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 162
- साइज: 16 MB
- वर्ष: 1914
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दो शब्द :
इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: यह नाटक "खुलासा तमाशा" विभिन्न पात्रों और उनकी जटिलताओं के इर्द-गिर्द घूमता है। कहानी की शुरुआत मिश्र की हसीन महका दिलफरेब के हुक्म से होती है, जहां विभिन्न पात्रों की प्रेम कहानियाँ और धोखे का खेल चल रहा है। मुख्य पात्र गज़न्फर और दिलफरेब हैं, जिनकी प्रेम कहानी में कई मोड़ और उलझनें हैं। कहानी में जासूस का आगमन होता है, जो बागियों की गतिविधियों की सूचना लाता है। इस बीच, शहनाज नाम की एक महिला भी है, जो शादी के लिए शर्तें रखती है। पात्रों के बीच फरेब और धोखे का सिलसिला चलता रहता है, जहां एक-दूसरे को ठगने की कोशिशें होती हैं। अगले हिस्से में, गज़न्फर अपनी पत्नी को धोखा देकर दूसरी शादी की तैयारी करता है, जिससे उसकी पहली पत्नी दिलफरेब दुखी हो जाती है। कहानी में बगावत, जंग और निजी प्रतिशोध की घटनाएं भी शामिल हैं। कई पात्र एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और उनकी क्रियाएँ एक-दूसरे के भाग्य को प्रभावित करती हैं। अंत में, प्रेम, धोखा, और राजनीतिक साज़िशें मिलकर एक पेचीदा कहानी का निर्माण करती हैं, जो दर्शाती है कि कैसे व्यक्तिगत और सामूहिक हितों के बीच संघर्ष होता है। कहानी में हास्य, त्रासदी और सामाजिक मुद्दों का समावेश है, जिससे यह नाटक दर्शकों के लिए मनोरंजक बनता है।
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