नालंदा | Nalanda

- श्रेणी: इतिहास / History शिक्षा / Education
- लेखक: हीरानन्द शास्त्री - Hiranand Shastri
- पृष्ठ : 50
- साइज: 1 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में नालन्दा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता पर चर्चा की गई है। नालन्दा को प्राचीन भारत में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र माना जाता था, जो लगभग अठाई हजार वर्ष पूर्व स्थापित हुआ। यह स्थल बौद्ध धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण रहा है, जहाँ भगवान बुद्ध ने समय बिताया और इसे पवित्र माना गया। पाठ में उल्लेख किया गया है कि नालन्दा का नाम "नाल" शब्द से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है "कमल की जड़"। नालन्दा के आसपास के क्षेत्रों में कई ऐतिहासिक और पुरातात्विक प्रमाण मिले हैं, जो इसकी समृद्धि और महत्व को दर्शाते हैं। इतिहास के दौरान, नालन्दा पर कई आक्रमण हुए, विशेषकर मुस्लिम आक्रमण के समय, जिससे यह स्थल बुरी तरह नष्ट हो गया। पाठ में उल्लेखित है कि नालन्दा की स्थिति और महत्व में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन यह सदियों से विद्या के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध रहा है। पाठ में यह भी बताया गया है कि नालन्दा की पुरातात्विक खुदाइयों से कई महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं, जो इसके गौरवशाली अतीत की पुष्टि करते हैं। इसके अलावा, यहाँ की वास्तुकला और शैक्षणिक संरचनाएँ भी उल्लेखनीय हैं। अंत में, पाठ में नालन्दा के महत्व को समझाने के लिए विभिन्न स्रोतों और यात्रियों के वर्णनों का संदर्भ दिया गया है, जो इस स्थल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हैं। यह पाठ नालन्दा के ज्ञान और विद्या के प्रतीक के रूप में उसकी प्रतिष्ठा को रेखांकित करता है।
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