प्राचीन भारत का आर्थिक इतिहास | Prachin Bharat Ka Aarthik Itihas

By: राधाकृष्ण चौधरी - Radhakrishn Chaudhary
प्राचीन भारत का आर्थिक इतिहास | Prachin Bharat Ka Aarthik Itihas by


दो शब्द :

प्राचीन भारत का आर्थिक इतिहास एक महत्वपूर्ण विषय है, जो भारतीय समाज और संस्कृति के विकास को समझने में सहायक है। इस पुस्तक में प्राचीन भारत की भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना का विस्तार से वर्णन किया गया है। भौगोलिक दृष्टि से, भारत की विविधता इसमें विभिन्न जलवायु, स्थलाकृतियों और संसाधनों की उपस्थिति को दर्शाती है, जो आर्थिक गतिविधियों और कृषि के विकास को प्रभावित करती है। भारत में कृषि, उद्योग, व्यापार और श्रम का विकास हुआ, जिसमें भूमि-स्वामित्व, कृषि उत्पादन, पशुपालन, और विभिन्न उद्योगों का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा, व्यापार के माध्यम से अन्य संस्कृतियों के साथ संपर्क और उनके प्रभाव का भी अध्ययन किया गया है। यह पुस्तक प्राचीन भारतीय समाज की आर्थिक स्थितियों, कर व्यवस्था, मुद्रा प्रणाली और राज्य के आर्थिक कार्यों का विश्लेषण करती है। लेखक प्रोफेसर राधाकृष्ण चौधरी ने इस विषय पर गहराई से शोध किया है और इसे हिंदी में प्रस्तुत किया है, जिससे पाठकों को प्राचीन भारत के आर्थिक इतिहास के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद मिलती है। यह पुस्तक न केवल विद्वानों के लिए, बल्कि सामान्य पाठकों और छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण संदर्भ प्रदान करती है। इस प्रकार, प्राचीन भारत का आर्थिक इतिहास एक समृद्ध और विविध विषय है, जो भारतीय सभ्यता के विकास और उसकी सामाजिक-आर्थिक संरचना को उजागर करता है।


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