ज्वर विज्ञान | Jwar Vigyan

- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद Health and Wellness | स्वास्थ्य
- लेखक: माधव प्रसाद पाण्डेय - Madhav Prasad Pandey
- पृष्ठ : 442
- साइज: 29 MB
- वर्ष: 1950
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दो शब्द :
इस पाठ में 'ज्वर विज्ञान' नामक ग्रंथ का महत्व और इसकी उपयोगिता पर चर्चा की गई है। यह ग्रंथ आयुर्वेद के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है, जो ज्वर से संबंधित सिद्धांतों और उपचारों को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करता है। लेखक ने इस ग्रंथ के माध्यम से ज्वर के विभिन्न प्रकार, उनके लक्षण, उपचार विधियाँ और शरीर विज्ञान का विस्तृत विवरण दिया है, ताकि पाठक ज्वर की पहचान और उपचार में सक्षम हो सकें। पाठ में यह भी बताया गया है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में अंतर है, जिससे ग्रामीणों को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि ज्वर की चिकित्सा में केवल औषधियों का ही नहीं, बल्कि सही परिचर्या का भी महत्व है। रोगी की मानसिक स्थिति को भी ठीक रखने की आवश्यकता है, क्योंकि यह शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। ग्रंथ में रोग परीक्षण के विभिन्न तरीकों का भी उल्लेख किया गया है, जैसे ताप की परीक्षा और नाड़ी परीक्षा। इसके अलावा, लेखक ने आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। पाठ का निष्कर्ष इस बात पर है कि स्वास्थ्य के नियमों का पालन करके और सही औषधियों का उपयोग करके ज्वर जैसे रोगों का प्रभावी ढंग से उपचार किया जा सकता है। लेखक ने इस ग्रंथ के माध्यम से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिश की है, ताकि समाज में रोगों के प्रति समझ और उपायों की जानकारी बढ़ सके।
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