मिर्जा ग़ालिब | Mirza Ghalib

By: जयपाल सिंह तरंग - Jaypal Singh Tarang
मिर्जा ग़ालिब | Mirza Ghalib by


दो शब्द :

मिर्जा गालिब का जीवन और उनकी रचनाएँ भारतीय साहित्य के एक अद्वितीय अध्याय का निर्माण करती हैं। उनके समय में मुगल साम्राज्य का पतन हो रहा था, और समाज में अशांति और आर्थिक संकट का माहौल था। ऐसे कठिन समय में गालिब ने कविता के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। वह सम्राट बहादुरशाह जफ़र के राजकवि रहे और उनकी शायरी आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। गालिब का जन्म आगरा में हुआ था। उनके बचपन का अनुभव कठिनाइयों से भरा था, जिसमें उनके पिता का जल्दी निधन भी शामिल था। उनका बाल्यकाल खेलने में व्यतीत हुआ, जिसमें पतंगबाजी, शतरंज और अन्य खेल शामिल थे। लेकिन गालिब का मन साहित्य और कविता की ओर था। उन्होंने अपनी भावनाओं को काव्य के माध्यम से व्यक्त किया और जल्दी ही फ़ारसी भाषा में शेर कहने लगे। गालिब की कविताएँ जीवन के करुण अनुभवों और भावनाओं का सजीव चित्रण करती हैं। उनकी लेखनी में दर्द, वियोग, और अतृप्त इच्छाओं का गहरा अनुभव है। उनके काव्य में जीवन की कठिनाइयों का सच्चा सामना और व्यक्तिगत दुखों का वर्णन मिलता है। उनका जीवन एक संघर्ष की कहानी है, जिसने उन्हें एक महान शायर बना दिया। गालिब की शताब्दी का उत्सव मनाने की परंपरा आज भी जारी है, और उनके अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। उनके विचार और रचनाएँ आज भी साहित्य प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हैं, और उनकी शायरी का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।


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