विष और उपचार | Vish Aur Upchar

- श्रेणी: Health and Wellness | स्वास्थ्य
- लेखक: विष्णुदत्त शर्मा - Vishnudatt Sharma
- पृष्ठ : 174
- साइज: 2 MB
- वर्ष: 1965
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दो शब्द :
यह पाठ "विष और उपचार" शीर्षक वाली पुस्तक का प्रस्तावना और प्राककथन है, जिसमें विषों और उनके उपचार के विषय में जानकारी दी गई है। प्रस्तावना में बताया गया है कि हिंदी में विज्ञान तथा तकनीकी साहित्य को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकारी योजनाएँ चल रही हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य विषों और उनके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना है, जिसमें विभिन्न प्रकार के विषों का वर्णन किया गया है। पुस्तक के लेखक ने विषों के ऐतिहासिक उपयोग का उल्लेख किया है, जिसमें पौराणिक कथाएँ और प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों का संदर्भ शामिल है। विषों के प्रयोग का इतिहास भारत के वेदों से शुरू होता है, जहाँ औषधीय जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता था। विषों का उपयोग न केवल चिकित्सा में, बल्कि युद्ध और प्रतिशोध के लिए भी किया गया था। प्राककथन में विषों की विभिन्न श्रेणियों का उल्लेख किया गया है - जैसे रासायनिक, वनस्पतिक और जैविक विष। लेखक ने यह भी बताया है कि विषों का प्रयोग किस प्रकार से किया जाता है और इसके उपचार के लिए चिकित्सकीय सलाह की आवश्यकता होती है। पुस्तक का उद्देश्य उन सभी पाठकों को जानकारी प्रदान करना है जो इस क्षेत्र में रुचि रखते हैं, जैसे चिकित्सक, शोधकर्ता, और आम लोग। कुल मिलाकर, इस पुस्तक में विषों की चिकित्सा में ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से चर्चा की गई है, ताकि पाठकों को विषों और उनके उपचार के बारे में समग्र जानकारी मिल सके।
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