चौंसठ रूसी कविताएं | Chausath Rusi Kavitayen

- श्रेणी: काव्य / Poetry साहित्य / Literature
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 152
- साइज: 5 MB
- वर्ष: 1933
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में लेखक ने रूसी कविता के प्रति अपने आकर्षण और अध्ययन के अनुभवों का वर्णन किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे उनके विश्वविद्यालय के दिनों में उन्हें रूसी कविता की कोई जानकारी नहीं थी, और वे मुख्यतः रूसी उपन्यासकारों पर ध्यान केंद्रित करते थे। फिर, धीरे-धीरे, खासकर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, रूस और उसके साहित्य की महत्ता उनके लिए स्पष्ट हुई। लेखक ने मयाकोव्स्की की कविताओं के माध्यम से रूसी कविता का पहला परिचय प्राप्त किया और इसके बाद उन्होंने रूसी कवियों की रचनाओं का अध्ययन करना शुरू किया। उन्होंने अंग्रेजी में प्रकाशित कुछ संकलनों का उल्लेख किया, जिनमें प्रमुख रूसी कवियों की कविताएं थीं। युद्ध के दौरान रूस के संघर्ष ने उसे विश्व का ध्यान आकर्षित किया, और भारत में प्रगतिशील कवियों ने रूस की साम्यवाद और साहित्यिक धारा की प्रशंसा की। लेखक ने अपने अनुवाद कार्य की शुरुआत के बारे में भी बताया, जिसमें उन्होंने विभिन्न विदेशी कवियों की रचनाएँ हिंदी में अनुवादित कीं। रूसी कविताओं के अनुवाद का विचार लेखक के मन में तब आया जब उन्होंने देखा कि एक रूसी विद्वान ने तुलसीदास की रामचरितमानस का अनुवाद किया है। इसके बाद उन्होंने अपने संकलनों से कई कविताओं का अनुवाद किया और उन्हें विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित किया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी निजी रचनात्मकता ने उन्हें अनुवाद की ओर से भटका दिया। अंततः, लेखक ने यह संकल्प लिया कि वे रूसी कविताओं का हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत करेंगे ताकि हिंदी पाठक भी इन कविताओं का आनंद ले सकें।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.