हिंदी शब्द -सागर | Hindi Shabd-Sagar

By: श्यामसुंदर दास - Shyam Sundar Das
हिंदी शब्द -सागर | Hindi Shabd-Sagar by


दो शब्द :

इस पाठ में हिंदी भाषा और उसके शब्द-कोश के विकास की चर्चा की गई है। पाठ में बताया गया है कि किसी भी जाति के जीवन में प्रयुक्त शब्दों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। शब्दों के आगम और लोप से जातियों के इतिहास को प्रस्तुत किया जा सकता है। इसके अलावा, शब्द-कोश किसी भाषा के साहित्य की संपत्ति और उस भाषा के भंडार का निदेशक होता है। जब अंग्रेजों का भारत के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित हुआ, तब उन्होंने भारतीय भाषाओं के शब्द-कोश बनाने की आवश्यकता महसूस की। हिंदी के पहले शब्द-कोश का निर्माण 1773 में हुआ, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी शब्दों के अर्थ दिए गए थे। इसके बाद कई अन्य कोशों का निर्माण हुआ, जिनमें हिंदी शब्दों के अर्थ अंग्रेजी में और अंग्रेजी शब्दों के अर्थ हिंदी में दिए गए। 19वीं सदी के अंत में हिंदी के प्रचार में वृद्धि हुई और हिंदी साहित्य के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा। इस समय हिंदी के एक बृहत् कोश के निर्माण की आवश्यकता महसूस की गई। काशी-नागरी-प्रचारिणी सभा ने इस दिशा में काम शुरू किया, और विभिन्न उपसमितियों का गठन किया गया। अंततः सभा ने खुद इस कार्य को अपने हाथ में लेने का निर्णय लिया और हिंदी के एक बड़े और सर्वांगपूर्ण कोश के निर्माण का प्रयास किया। पाठ में हिंदी शब्द-कोश के विकास की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विभिन्न कोशों के निर्माण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, जिससे हिंदी भाषा के विकास में शब्दों के महत्व को समझा जा सकता है।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *