वेदांतसार | Vedant Saar

- श्रेणी: Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता काव्य / Poetry साहित्य / Literature
- लेखक: खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas
- पृष्ठ : 146
- साइज: 15 MB
- वर्ष: 1947
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दो शब्द :
इस पाठ में वेदांत के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है, जिसमें परमाणु, तत्त्व, और सूक्ष्म-स्थूल शरीर की उत्पत्ति का विवरण है। यह बताया गया है कि सभी भूत, जैसे आकाश, वायु, जल, और पृथ्वी, तत्त्वों के संयोजन से उत्पन्न होते हैं। इन तत्त्वों के गुण—सात्त्विक, राजसिक और तमसिक—के आधार पर विभिन्न वस्तुएं और जीव उत्पन्न होते हैं। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि सूक्ष्म शरीर में 17 अवयव होते हैं, जिसमें ज्ञानेंद्रिय, कर्मेंद्रिय, मन और बुद्धि शामिल हैं। यह बताया गया है कि इन अवयवों की उत्पत्ति तत्त्वों के गुणों से होती है। आत्मा का संबंध इन सभी तत्वों और गुणों से है, और यह चेतना को प्रकट करती है। मन को इच्छाशक्ति और बुद्धि को ज्ञानशक्ति का स्रोत माना गया है। अंत में, यह बताया गया है कि सूक्ष्म शरीर और स्थूल शरीर दोनों ही आकाश और अन्य तत्वों के संयोजन से बने हैं। इस प्रकार, पाठ में वेदांत के अनुसार सृष्टि और जीव का मूलभूत सिद्धांत प्रस्तुत किया गया है, जिसमें तत्वों, गुणों और चेतना का गहन विश्लेषण किया गया है।
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