एशिया का प्रादेशिक भूगोल | Regional Geography of Asia

- श्रेणी: भूगोल / Geography शिक्षा / Education
- लेखक: चतुर्भुज मनोरिया - Chaturbhuj Mamoria
- पृष्ठ : 771
- साइज: 13 MB
- वर्ष: 1945
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दो शब्द :
यह पाठ "एशिया का प्रादेशिक भूगोल" पर आधारित है, जिसमें एशिया के भूगोल के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है। लेखकगण ने इसे गोरणजपुर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया है और इसमें भारत के प्रादेशिक भूगोल को विशेष ध्यान दिया गया है। पुस्तक में सरल भाषा का प्रयोग किया गया है, जिससे विद्यार्तियों को अध्ययन में आसानी हो। पुस्तक में एशिया की भौगोलिक विशेषताओं, जलवायु, वनस्पति, कृषि, खनिज संसाधनों, और जनसंख्या का विवरण दिया गया है। इसमें मानचित्र, आँकड़े और आधुनिक आंकड़े शामिल हैं, ताकि विद्यार्थियों को समझने में मदद मिले। एशिया को एक भौगोलिक इकाई के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें इसकी विशालता, जनसंख्या, और प्राकृतिक संसाधनों का उल्लेख किया गया है। एशिया को इतिहास के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण बताया गया है, क्योंकि यह मानव सभ्यता के विकास का स्थल रहा है। भारत के भूगोल का वर्णन करते हुए, इसके भौतिक स्वरूप, जलवायु, कृषि उत्पादन, और औद्योगिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पुस्तक में भारत की विविधताओं, जैसे तट रेखा, द्वीप, और प्राकृतिक संसाधनों का विवरण भी शामिल है। इस प्रकार, यह पुस्तक एशिया और भारत के भूगोल के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है, जो सरल और स्पष्ट तरीके से जानकारी प्रदान करती है।
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