दो शब्द :

इस पाठ में प्रतापगढ़ राज्य की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उसकी भौगोलिक स्थिति, शासकों के वंश, और उनके साम्राज्य का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह बताया गया है कि प्रतापगढ़ राज्य का इतिहास तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है: मुरालों से पूर्व का काल, मुग़ल काल, और ब्रिटिश काल। पाठ में यह भी उल्लेखित है कि प्रतापगढ़ राज्य के शासक मेवाड़ राज्य से संबंधित हैं और उन्होंने मुग़लों की अधीनता स्वीकार की थी। मुग़ल काल में राज्य के नरेशों ने मुग़ल दरबार से संबंध बनाए रखे और कई बार उन्हें उच्च सम्मान प्राप्त हुए। ब्रिटिश शासन के दौरान राज्य में शांति और विकास की दिशा में कदम उठाए गए, जिससे राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। पाठ में विभिन्न स्रोतों का उल्लेख किया गया है जिनसे इस राज्य के इतिहास का पता चलता है, जैसे प्राचीन शिलालेख, भाटों की ख्यातें, शाही फरमान, और प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथ। इसके अतिरिक्त, पाठ में प्रतापगढ़ राज्य के भूगोल, संस्कृति, और प्रमुख स्थानों का भी वर्णन किया गया है। अंत में, यह भी कहा गया है कि प्रतापगढ़ राज्य के इतिहास की खोज के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।


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